शहरी गरीबी

अप्रैल 2024 में, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और मानव विकास संस्थान (IHD) द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट (IER) 2024 में शहरी क्षेत्रों में उच्च बेरोजगारी के साथ बढ़ती मजदूरी के विरोधाभास को उजागर किया गया, जिससे शहरी गरीबों पर इसके प्रभाव का गहन विश्लेषण आवश्यक हो गया।

मुख्य बिंदु

  • आर्थिक वृद्धि (2015-16 से 2022-23):
    • औसत 5.4% वास्तविक GDP वृद्धि, लेकिन निम्न-आय वर्ग तक लाभ पहुंचने को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं।
  • शहरी बेरोजगारी:
    • ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में युवाओं (15-19 वर्ष) में अधिक
    • श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) (2022):
      • युवा पुरुष: 61.2%
      • युवा महिलाएँ: 21.7%
  • शहरी ....
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