लद्दाख की काष्ठ नक्काशी

अप्रैल 2023 में लद्दाख की काष्ठ नक्काशी को भौगोलिक संकेतक अधिनियम, 1999 के तहत भौगोलिक संकेतक प्रदान किया गया है।

  • लद्दाख की काष्ठ नक्काशी अपने जटिल डिजाइन व अद्वितीय पैटर्न के लिये लोकप्रिय है।
  • 2022 में नाबार्ड के समर्थन से भौगोलिक संकेत प्राप्त करने वाला केंद्र शासित प्रदेश का पहला हस्तशिल्प है।
  • धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कारणों से, विशेष रूप से बौद्ध देशों में इसकी बहुत मांग है। इसे बनाने के लिये स्थानीय लकड़ी, जैसे- विलो तथा खुबानी का उपयोग किया जाता है।
  • इस लकड़ी का उपयोग मुख्यतः दरवाजे, खिड़कियाँ व अन्य घरेलू सामानों की सजावट में किया जाता है।
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