भारत में भक्ति एवं सूफी आंदोलन: स्वरूप एवं व्यक्तित्व

भक्ति एवं सूफी आंदोलन मध्यकालीन भारत के दो महत्वपूर्ण धार्मिक आंदोलन थे। जहां हिंदू धर्म में भक्ति का अर्थ, ईश्वर के प्रति प्रेम है, वहीं सूफीवाद इस्लाम का रहस्यवादी परंपरा है, जिसमें ईश्वर की आंतरिक खोज एवं परमात्मा के साथ मिलन पर बल दिया जाता है।

भक्ति आन्दोलन

एक धार्मिक सुधार आंदोलन था, जिसमें ईश्वर के प्रति एकनिष्ठ भक्ति पर बल दिया जाता था।

  • यह इस सिद्धांत पर आधारित था कि ईश्वर एवं मनुष्य का संबंध किसी धार्मिक अनुष्ठान के स्थान पर प्रेम तथा समर्पण पर आधारित होता है।
  • इसकी शुरुआत दक्षिण भारत में नयनार (शैव) तथा अलवार (वैष्णव) संतों द्वारा की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।
प्रारंभिक विशेष