पाषाण काल

पुरा पाषाण काल

पुरातत्वविदों ने आरंभिक काल को पुरा पाषण काल कहा है, यह नाम पुरास्थलों से प्राप्त पत्थर के औजारों के महत्व को दर्शाता है।

  • पुरा पाषाण काल को निम्न पुरापाषाण काल, मध्य पुरापाषाण काल तथा उच्च पुरापाषाण काल में विभाजित किया गया है।
  • गंगा, यमुना एवं सिन्धु के कछारी मैदानों में पुरापाषाणकालिक स्थल नहीं प्राप्त होते हैं।
  • इस काल की प्रमुख विशेषता प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल में क्वार्टजाईट की जगह जेस्पर, चर्ट का उपयोग होना है।
  • पुरा पाषाण काल मे नक्काशी और चित्रकारी दोनों रूपों में कला का विकास हुआ।

पुरा पाषाण काल के महत्वपूर्ण स्थल

स्थल

क्षेत्र

पहलगाम

कश्मीर

बेलनघाटी

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

भीमबेटका ....



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