मंदिर निर्माण शैली

भारत में मंदिर निर्माण की प्रक्रिया का आरंभ मौर्य काल से ही शुरू हो गया था, किंतु आगे चलकर उसमें सुधार हुआ और गुप्त काल में मंदिरों की विशेषताओं में वृद्धि देखी जाती है।

  • भारत में मंदिरों का निर्माण मुख्यतः तीन शैलियों में किया जाता था, जो निम्नलिखित हैं-

नागर शैली

  • यह शैली हिमालय से लेकर विंध्य पर्वत तक के क्षेत्रों में प्रचलित थी।
  • इस शैली के मंदिर चतुष्कोणीय होते थे। इनकी प्रमुख विशेषता इनके शिखर हैं। इस शैली में अनेक मीनारें होती हैं।
  • इस शैली के मंदिरों में गर्भगृह या गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर गंगा, यमुना नदियों को व्यक्तिगत रूप में ....
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