जन्म-मृत्यु संस्कार

  • नवपाषाणकालः इस काल में अंत्येष्ठि संस्कार प्रचलित था।
    • अस्थियों के साथ औजार एवं आभूषण भी रखे जाते थे। समाधि में एक से अधिक व्यक्तियों की अस्थियां रखी जा सकती थीं। ब्रह्मगिरि से इस प्रकार के साक्ष्य प्राप्त होते हैं।
    • बुर्जहोम में मृतकों के साथ-साथ कुत्तों को भी दफनाए जाने के प्रमाण मिलते हैं।
  • सिंधु सभ्यताः इस सभ्यता में अंत्येष्ठि संस्कार के रूप में दफनाने की सर्वप्रचलित प्रथा थी, लेकिन कभी-कभी शवों को खुले मैदान में जंगली जानवरों को खाने के लिए छोड़ दिया जाता था।
    • शवों को जलाने और गाड़ने जैसी प्रथायें प्रचलित थीं। हड़प्पा में शवों को दफनाने की, जबकि मोहनजोदड़ो में जलाने ....
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