स्वराज पार्टी

असहयोग आन्दोलन के पश्चात सी.आर. दास, मोतीलाल नेहरू तथा विट्ठल भाई पटेल ने स्वराज पार्टी का गठन किया। यह पार्टी कौंसिल प्रवेश के माध्यम से अपने ब्रिटिश विरोधी कार्यक्रम को आगे बढ़ा चाहती थी।

  • इस संदर्भ में गांधी-दास पैक्ट (1924) के तहत यह निर्णय लिया गया कि स्वराज पार्टी कांग्रेस से स्वतंत्र होकर स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करेगी तथा इसका अपना अलग सचिवालय होगा।
  • 1923 के चुनाव में स्वराज पार्टी को काफी सफलता मिली। इसे संघीय केंद्रीय परिषद में एक तिहाई सीटें मिली तथा विट्ठल भाई पटेल को अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। इस दौरान विधान मंडल तथा विभिन्न स्थानीय ....
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