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निबन्ध
1
केवल इसलिए कि आपके पास विकल्प है इसका अर्थ यह कदापि नही की उनमे से कोई एक ठीक होगा ही - डॉ. श्याम सुंदर पाठक
2
जीवन, स्वयं को अर्थपूर्ण बनाने का अवसर है
3
क्या हम सभ्यता के पतन की राह पर हैं?
4
क्या अधिक मूल्यवान है, बुद्धिमत्ता या चेतना?
5
कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण भारत का रूपांतरण
6
सार्वजनिक नीति निर्माण में महिलाओं की भागीदारी की आवश्यकता
7
विकास जैसी गतिशील प्रक्रिया में मानवाधिकार, मूल्यवान मार्गदर्शक हैं
8
क्या 21वीं सदी के नेटिज़ेंस के लिए गोपनीयता एक भ्रम है?
9
ओटीटी प्लेटफार्मः विनियमन बनाम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
10
हम भावी पीढि़यों को एक स्वस्थ और टिकाऊ ग्रह के अधिकार से वंचित नहीं कर सकते
11
सद्भावना ही एकमात्र ऐसी संपत्ति है जिसे प्रतिस्पर्धा कम या नष्ट नहीं कर सकती
12
शहरी मध्य वर्ग, भारत के रूपांतरण की कुंजी है
13
स्त्री पैदा नहीं होती, बल्कि बना दी जाती हैं
14
भविष्य उनका है, जिनके पास डेटा है
15
आर्थिक शक्ति समकालीन विश्व में किसी भी राष्ट्र की शक्ति की आधारशिला है
16
भारतीय अर्थव्यवस्था चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए कितनी तैयार है?
17
वैश्विक चुनौतियां वैश्विक समाधानों की मांग करती हैं
18
वैश्वीकरण के युग में बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य
19
समाज में लैंगिक रूढि़बद्धता की समस्या एवं मीडिया की भूमिका
20
शिक्षा का सही उद्देश्य तथ्यों का नहीं बल्कि मूल्यों का ज्ञान होना है
21
खाद्य अपव्यय: भारत के खाद्य सुरक्षा संबंधी प्रयासों में बाधक
22
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए
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व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा
24
अंतर्निहित प्रवृत्ति की कमजोरी चरित्र की कमजोरी बन जाती है
25
कर्तव्यों का अच्छी तरह से निर्वहन तदनुरूप अधिकारों का निर्माण करता है
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नागरिकों की व्यक्तिगत पसंद निजता के अधिकार के अंतर्गत संरक्षित है
27
गलत सूचनाओं के प्रसार से जन्म लेता सूचना का संकट
28
संविधान की पवित्रता अनिवार्य रूप से धर्मनिरपेक्षता की पुष्टि में निहित है
29
ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के अलावा सामाजिक पूंजी, शासन और प्रकृति में निवेश भारत के दीर्घकालिक विकास की कुंजी है।
30
समझने का सुख सबसे उत्कृष्ट आनंद है
31
राजनीति का अपराधीकरणः भारतीय लोकतंत्र के समक्ष एक गम्भीर संकट
32
केवल सशक्तीकरण से महिलाओं की समस्याएं हल नहीं की जा सकतीं
33
सामाजिक-आर्थिक विकास में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल की भूमिका
34
भारत में क्षेत्रीय असमानता दूर करने में राजकोषीय संघवाद कितना प्रभावी?
35
आतंक एवं हिंसक अतिवादः वर्तमान दशक में भारत की सुरक्षा
36
स्वास्थ्य एवं शिक्षा में निवेश के माध्यम से जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग
37
उच्च उपलब्धि सदैव उच्च अपेक्षा के ढांचे के अंतर्गत प्राप्त होती है
38
घरेलू हिंसा: एक बड़ी सामाजिक चुनौती
39
नवीकरणीय ऊर्जा: भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं का विकल्प
40
जीवन, स्वयं को अर्थपूर्ण बनाने का अवसर है
41
क्या वर्तमान दौर में इंटरनेट की सेंसरशिप आवश्यक है?
42
पर्यावरणीय चिंताओं ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदल दी है
43
भारत में वंचितों के लिए सार्वभौमिक न्यूनतम आय
44
नए दौर में सुरक्षा बलों के प्रति परिवर्तित दृष्टिकोण
45
आधुनिक जटिल समाज न्याय के विभेदीकृत सिद्धांतों की मांग करता है
46
सतत विकास का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के जरिये ही प्राप्त किया जा सकता है
47
वैश्विक शरणार्थी संकटः समस्या एवं समाधान
48
सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है, जो अपने कर्त्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं
49
खतरे में धरती नहीं, हम हैं
50
अक्षय ऊर्जा, भविष्य की आवश्यकता है
51
मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी
52
स्त्री-पुरुष संबंधः परिवर्तनशील नैतिक मानदंड
53
ग्रामीण रूपान्तरण की चुनौतियाँ व अवसर
54
जागरूक मतदाताः लोकतन्त्र का मजबूत स्तंभ
55
प्रौद्योगिकी ने जितने रोजगार कम किए हैं, उससे कहीं अधिक बढ़ाए हैं
56
समाज में व्याप्त असहिष्णुता मॉब लिंचिंग का कारण है?
57
मीडिया, प्राकृतिक या कृत्रिम जनमत का माध्यम है।
58
बच्चों के प्रति बढ़ती हिंसाः समाज की गिरती नैतिकता का प्रतिबिंब
59
नारी-शक्ति को कैसे बल दें?
60
विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए, जब विश्वास अंधा हो जाता है तो मर जाता है
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