शिक्षा का सही उद्देश्य तथ्यों का नहीं बल्कि मूल्यों का ज्ञान होना है

विजेता- अदिति श्रीवास्तव (झलवा, प्रयागराज, उ-प्र-)

एक बार एक शिक्षक बच्चों को क्रोध न करने की शिक्षा दे रहे थे। उन्होंने बच्चों को लिखवाया- ‘‘क्रोध मत कर’’ और यह पाठ याद करके आने को कहा। अगले दिन सभी बच्चों ने यह पाठ सुना दिया परन्तु एक छात्र ने इसे नहीं सुनाया। तीन-चार दिन तक उसने ऐसा ही किया। अंततः शिक्षक ने क्रोधित होकर उस छात्र को पीटना शुरू कर दिया, किन्तु वह बालक पीटे जाने के बाद भी मुस्कुरा रहा था। शिक्षक के पूछने पर कि वह पीटे जाने के बावजूद क्यों मुस्कुरा रहा है, बालक ने ....

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