विकास जैसी गतिशील प्रक्रिया में मानवाधिकार, मूल्यवान मार्गदर्शक हैं

विजेता–डॉ. जय नारायण सिंह (मोती बाग, नई दिल्ली)

विकास एक ऐसी प्रक्रिया है, जो किसी प्राणी या समाज को उन्नति की ओर ले जाती है। एक ऐसी स्थिति, जिससे प्राणी में कार्य क्षमता बढ़ती है। यानी यह एक तरह की अभिवृद्धि है, जिसका एक हिस्सा स्वयं मनुष्य है। चूंकि मनुष्य बुद्धिमान एवं विवेकवान प्राणी है इसलिए इसे कुछ ऐसे मूल तथा अहरणीय अधिकार प्राप्त हैं, जिसे सामान्यतया मानवाधिकार कहा जाता है। विकास परिवर्तन, प्रकृति का नियम है। समय-समय पर विकास के पैमाने काफी हद तक बदलते रहते हैं। किंतु मानवाधिकार ऐसे अधिकार हैं, जो कि सभी ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

निबन्ध