आतंक एवं हिंसक अतिवादः वर्तमान दशक में भारत की सुरक्षा

दुर्गेश सिंह

राजधानी दिल्ली की हिंसा में, पुलिस हेड कान्सटेबल रतनलाल सबसे पहले जान गंवाने वालों में से एक थे जो पथराव और गोली के शिकार हुए। मेहताब घर से दूध लेने निकले थे भाई ने मना किया, लेकिन बाहर गये। कुछ देर बाद उनकी बहन को सूचना मिली कि मेहताब को जिंदा जला दिया गया।

जब दशक की शुरुआत ही हिंसा के ऐसे मंजर से हो रही हो वह भी राजधानी दिल्ली से तो बाकी देश की सुरक्षा कितनी चुनौतीपूर्ण होगी, सहज ही समझा जा सकता है।

इस प्रकार की ....

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