वैश्वीकरण के युग में बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य

मोनिका मिश्रा

वैश्विक स्तर पर तीव्र गति से बदलती तकनीकी एवं आर्थिक परिस्थितियों के बीच वैश्वीकरण से बच्चों के समक्ष अनेक चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं, जो बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधक हैं। बच्चों की आरंभिक अवस्था से लेकर युवावस्था की उम्र में पहुंचने तक उनके लिए भावनात्मक कल्याण सर्वप्रमुख आवश्यकता होती है। प्रतिस्पर्धा, उपभोक्तावाद, व्यक्तिवाद, संकीर्णता, परिवारों का टूटना, सामूहिक भागीदारी का अभाव, अलगाव, असमानता, सापेक्ष गरीबी और अपराध जैसी समस्याओं की आवृत्ति में वृद्धि ने बच्चों के मानसिक विकास पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाला है। विभिन्न देशों के मध्य होने वाले युद्ध एवं संघर्ष, ....

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