कर्तव्यों का अच्छी तरह से निर्वहन तदनुरूप अधिकारों का निर्माण करता है

मोनिका मिश्रा

कोविड-19 महामारी के समय विश्व के अनेक देशों को स्वास्थ्य आपातकाल तथा लॉकडाउन जैसी स्थितियों से गुजरना पड़ा है। महामारी काल में विश्व भर में नागरिकों को प्रदान किए गए अधिकारों के ऊपर उनके कर्तव्यों के निर्वहन के बेहतर उदाहरण देखने को मिले हैं। भारत में भी लोगों ने इस महामारी से निपटने के लिए न केवल सरकार का सहयोग किया, बल्कि आर्थिक एवं अन्य रूपों में अनेक मदद भी की। यह भारत की अनूठी परंपरा रही है कि जब भी किसी चुनौती का सामना करना होता है, तो देशवासियों की उनकी कर्तव्य पालन के ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

निबन्ध