समझने का सुख सबसे उत्कृष्ट आनंद है

विवेक उपाध्याय

आर्किमिडीज को अपने राजा के मुकुट के सोने की शुद्धता जांचनी थी वह भी उसे बिना पिघलाए। इस चिंतन में डूबे हुए उन्हें बाथटब में उत्प्लावन का सिद्धांत समझ आया। इस समझ से जो आनंद मिला उसमें मग्न होकर उनके मुंह से बस एक ही शब्द निकल रहा था- ‘यूरेका’, ‘यूरेका’, ‘यूरेका’ (पता चल गया, पता चल गया----)। यहां तक कि आर्किमिडीज को कपड़े पहनने की भी सुध नहीं रही। ज्ञान के ऐसे ही आस्वाद को पाकर लियोनार्डो द विंची ने यह कहा होगा कि ‘‘समझने का सुख सबसे उत्कृष्ट आनंद है।’’

आनंद ....

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