राजस्थान के वन्य जीव अभयारण्य

सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान अलवर

  • सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य की स्थापना वर्ष1955 में की गई थी।
  • सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य को "बाघों की मांद" नाम से भी जाना जाता है।
  • सन् 1978 में, इसे प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया था और इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था।
  • यह अभयारण्य हरे कबूतरों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित 16 वीं शताब्दी का कांकनवाड़ी किला भी पार्क के केन्द्र के पास स्थित है।
  • पांडूपोल,भर्तृहरि एवं नीलकंठ महादेव का मंदिर दर्शनीय स्थल है
  • यह अभयारण्य 'रीसस बन्दर" के लिए प्रसिद्ध है।
  • अन्य प्रजातियां - भारतीय तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, भारतीय सियार, ....
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