पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत संरक्षित क्षेत्रों के चारों ओर मौजूद पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण व संवेदनशील क्षेत्रों को 'पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रों' (ESZs) के रूप में जाना जाता है।

  • इन्हें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत अधिसूचित किया जाता है। इनका निर्धारण 'संरक्षित क्षेत्रों' को औद्योगिक प्रदूषण और अनियंत्रित विकास से संरक्षण प्रदान करने हेतु किया जाता है।
  • पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रों को 'शॉक ऑब्जर्वर' के रूप में जाना जाता है। ये एक संक्रमण क्षेत्र (Transition Zone) के रूप में कार्य करते हैं। इन क्षेत्रों में मानव गतिविधियों को प्रतिबंधित करने ....
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