न्यायिक समीक्षा

न्यायिक समीक्षा विधायी अधिनियमों तथा कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जांच करने हेतु न्यायपालिका की शक्ति है जो केंद्र एवं राज्य सरकारों पर लागू होती है। न्यायिक समीक्षा मुख्य रूप से तीन रूपों में की जाती हैः

  • विधायी कार्यों की समीक्षाः इस समीक्षा का तात्पर्य यह सुनिश्चित करना है कि विधायिका द्वारा पारित कानून के मामले में संविधान के प्रावधानों का अनुपालन किया गया है।
  • प्रशासनिक कार्रवाई की समीक्षाः यह प्रशासनिक एजेंसियों पर उनकी शक्तियां निर्वहन करते समय उन पर संवैधानिक अनुशासन लागू करने के लिये एक उपकरण है।
  • न्यायिक निर्णयों की समीक्षाः इस समीक्षा का उपयोग न्यायपालिका द्वारा पिछले निर्णयों में ....
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