भारत में किशोर न्याय प्रणाली

भारत में किशोर न्याय प्रणाली 18 वर्ष से कम उम्र के वैसे बच्चों से संबंधित है, जिन्होंने किसी प्रकार से कानून का उल्लंघन किया है तथा उन्हें किसी भी प्रकार की देखभाल एवं सुरक्षा की आवश्यकता होती है।

  • ध्यान रहे कि भारतीय दंड संहिता की धारा 82 के तहत 7 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को किसी भी अपराध के लिये दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, ऐसा ‘डॉक्ट्रिन ऑफ डोली इनकैपैक्स’ की अवधारणा के आधार पर किया जाता है।
  • भारतीय दंड संहिता के सभी प्रावधान, जो विभिन्न अपराधों के संबंध में दंड का प्रावधान करते हैं, वे सभी ....
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