1861 का भारतीय परिषद अधिनियम

  • इसने वायसराय की कार्यकारी और विधायी परिषद जैसी संस्थाओं में पहली बार भारतीय प्रतिनिधित्व की शुरुआत की, जिसके माध्यम से 3 भारतीयों ने विधान परिषद में प्रवेश किया।
  • केंद्र और प्रांतों में विधान परिषदों की स्थापना की गई।
  • वायसराय की कार्यकारी परिषद में विधायी कार्यों का संचालन करते समय गैर-आधिकारिक सदस्यों के रूप में कुछ भारतीय होने चाहिए।
  • इसने पोर्टफोलियो प्रणाली को वैधानिक मान्यता प्रदान की।
  • बंबई और मद्रास प्रांतों को विधायी शक्तियों को बहाल करके विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया शुरू की।
  • वायसराय को परिषद् की संतुति के बिना अध्यादेश जारी करने का अधिकार प्रदान किया ....
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