राज्य सभा की शक्तियां

विधायी शक्तियां

  • गैर-वित्तीय विधेयकों के मामलों में राज्यसभा को भी लोकसभा के समान शक्तियां प्राप्त हैं। ऐसे विधेयक दोनों सदनों की सहमति के बाद ही कानून बनते हैं।
  • धन विधेयक के मामले में राज्यसभा को लोकसभा की तुलना में सीमित शक्ति प्राप्त है। इस संदर्भ में राज्यसभा को 14 दिनों के भीतर विचार करके अपनी राय लोकसभा को भेजनी होती है।
  • संविधान संशोधन विधेयकों के संदर्भ में राज्य सभा की शक्तियां लोकसभा की शक्तियों के बराबर है।

विशिष्ट शक्तियां

  • देश के संघात्मक ढांचे को बनाए रखने के लिये राज्यसभा के पास दो विशिष्ट अधिकार हैं, जो कि लोकसभा के पास नहीं ....
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