जैव विविधता विरासत स्थल

ये अद्वितीय एवं सुभेद्य पारिस्थितिक तंत्र वाले सुपरिभाषित क्षेत्र होते हैं। इनका विस्तार स्थलीय, तटीय, समृद्ध जैव विविधता वाले अंतः-स्थलीय (Inland) तथा समुद्री जल में होता है।

  • जैव विविधता विरासत स्थलों की पहचान 'जैव विविधता अधिनियम' की धारा 37 के तहत करके उन्हें अधिसूचित किया जाता है।
  • राज्य सरकारें स्थानीय निकायों के परामर्श से समय-समय पर जैव विविधता अधिनियम के अंतर्गत जैवविविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सरकारी राजपत्र में अधिसूचित कर सकती हैं। साथ ही इनके द्वारा (राज्य सरकारों) केंद्रीय सरकार के परामर्श से सभी विरासत स्थलों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए नियम बनाए जा सकते ....
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