​राजस्थान के प्रमुख लोक नाट्य

लोक नाट्य की कथाएं, संवादगीत लोकमानस में प्रचलित व उनकी रुचि के अनुरूप होते हैं। ये जनसामान्य के मनोरंजन के लिए उन्हीं के द्वारा मंचित किये जाते हैं। वर्तमान में ऐतिहासिक, पौराणिक लोक कथाओं के साथ-साथ राजनीति, शासन व्यवस्था अद्यतन घटनाक्रम को भी इनके द्वारा व्यक्त किया जाता है। राजस्थान के लोकनाट्य बहुरूपी और बहुरंगी हैं।

ख्याल

  • ख्याल 18वीं सदी की शुरुआत से ही राजस्थान के लोक नाट्यों में शामिल थे।
  • इन ख्यालों की विषय-वस्तु पौराणिक या वीराख्यान से संबंधित होती है, जिनमें ऐतिहासिक तत्व भी होते हैं।
  • भौगोलिक अंतर के कारण इन ख्यालों ने विभिन्न रूप ग्रहण ....

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