भूजल दोहन

एक वर्ष में भूजल का जितना पुनर्भरण होता है, उससे अधिक जल की निकासी को 'अति-दोहन' कहा जाता है।

  • वार्षिक आधार पर उपलब्ध भूजल संसाधन के 90% से 100% उपभोग की स्थिति 'गंभीर-दोहन' की श्रेणी में आती है।
  • जब भूजल का इसके पुनर्भरण के 70% से कम उपभोग किया जाता है तो इसे दोहन की 'सुरक्षित' स्थिति माना जाता है।
  • केंद्रीय भूजल बोर्ड तथा राज्य/संघ राज्य क्षेत्र संयुक्त रूप से समय-समय पर 'भू-जल संसाधन' का आकलन करते हैं। 'गतिशील भू-जल संसाधन आकलन' पर रिपोर्ट को सामूहिक रूप से इसे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। ....
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