प्राचीन भारत में मृदभांड

भारत में चौपानीमांडो से संसार में मृदभांड के प्रयोग के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।

हड़प्पा काल के मृदभांड

  • भारत में मृदभांड हड़प्पा काल से ही प्राप्त होने शुरू हो जाते हैं। इस काल में मिले मृदभांड को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है- सादे मृदभांड और चित्रित मृदभांड।
  • चित्रित मृदभांड को लाल व काले मृदभांडों के रूप में भी जाना जाता है। इनमें वृक्ष, पक्षी, पशुओं की आकृतियां और ज्यामितीय प्रतिरूप चित्रों को उकेरा गया था।

ताम्रपाषाण संस्कृति के मृदभांड

  • चित्रित धूसर मृदभांड संस्कृति उत्तर भारत की तांबा और लोहा से संबंधित संस्कृति है। इस ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।
प्रारंभिक विशेष