न्यायिक अवमानना

अदालत की अवमानना से आशय ऐसी किसी भी कार्रवाई से है जो किसी अदालत के अधिकार की निंदा करे, उसका अपमान करे, या अदालत के अपने कार्य करने की क्षमता में बाधा डाले।

  • इस सन्दर्भ में न्यायालयों को प्राप्त अवमानना के क्षेत्रधिकार का उद्देश्य कानून की महिमा और गरिमा को कायम रखना है। भारत में अवमानना अधिनियम, 1971 अवमानना को सिविल अवमानना और आपराधिक अवमानना में विभाजित करता है।
  • सिविल अवमाननाः यह न्यायालय के किसी भी निर्णय, डिक्री, निर्देश, आदेश, रिट या अन्य प्रक्रियाओं की स्वेच्छा से की गई अवज्ञा या अदालत के प्रति वचनबद्धता का जानबूझकर किया गया उल्लंघन है।
  • आपराधिक अवमाननाः ....
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