स्वदेशी आंदोलन

स्वरूपः

  • इस आंदोलन के माध्यम से भारत में स्वदेशीकरण को प्रोत्साहन मिला। कृष्ण कुमार मित्र ने स्वदेशी का विचार दिया। वहीं रविन्द्र नाथ टैगोर व रामेन्द्र त्रिपाठी ने आत्म शक्ति पर बल दिया।
  • इस आन्दोलन का प्रमुख बल स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा व राष्ट्रीय उद्योग को प्रोत्साहन पर था।

कार्यक्रम:

  • विभाजन की घोषणा वाले दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया जो बंगाली एकता का परिचायक था।
  • इस आंदोलन के मध्य अनेक समितियों की स्थापना की गई जैसे डॉन सोसायटी (सतीश चंद्र) बांधव समिति (अश्विनी कुमार दत्त), एंटी सर्कुलर सोसायटी (कृष्ण कुमार मित्र) आदि। इन समितियों के माध्यम से भारतीयों में आत्म ....
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