भक्ति आंदोलन

भक्ति आंदोलन का आरंभ दक्षिण भारत में सातवीं से 12वीं शताब्दी के मध्य हुआ, जिसके प्रथम प्रचारक शंकराचार्य को माना जाता है।

  • भक्ति आंदोलन के कई संतों ने हिंदू-मुस्लिम एकता पर बल दिया, जिससे इन समुदायों में सहिष्णुता और सद्भाव की स्थापना हुई।

भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत

  • रामानुजः ये विशिष्टाद्वैत के प्रतिपादक तथा प्रसिद्ध वैष्णव संत थे। इन्होंने कांची में अपने विचारों का केंद्र बनाया तथा ये भक्ति आंदोलन के प्रारंभिक प्रतिपादक थे।
  • शंकराचार्यः इन्होंने अद्वैतवाद का सिद्धांत दिया तथा ब्रह्म सत्य जगत को मिथ्या माना। महायान बौद्ध चिंतन के प्रभाव के कारण इन्हें ‘प्रच्छन्न बुद्ध’ भी कहा जाता है। इन्होंने ....
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