किसान एवं जनजातीय आंदोलन

ब्रिटिश आर्थिक नीतियों ने कृषि के व्यावसायीकरण पर बल दिया, जिसने उत्पादन के तरीके को बदल दिया और भारत में पारंपरिक कृषि संबंधों को बाधित कर दिया। विभिन्न भू-राजस्व बंदोबस्तों ने भूमि को एक व्यापार योग्य इकाई बना दिया, साथ ही नकदी फसलों के लिए वनों की कटाई, किसान आंदोलनों के कारण थे जो जमींदारों और साहूकारों के खिलाफ सामाजिक अशांति और अंग्रेजों के खिलाफ नागरिक अशांति दोनों थे।

  • इसके साथ ही जनजतियों के प्रति ब्रिटिश सरकार की नीति ने उनके जीवन के हरेक भाग में व्यापक परिवर्तन लाया। ब्रिटिश ....
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