संसदीय उत्पादकता में गिरावट

हाल के समय में संसदीय कार्यवाही में गतिरोध, व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर असहमति, ससंद सदस्यों की उपस्थिति को लेकर उदासीनता तथा विभिन्न विधेयकों को तीव्रता से पारित करने की प्रवृत्ति आदि कारणों से संसदीय कार्यप्रणाली की उत्पादकता का क्षरण हुआ है।

  • पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च रिकॉर्ड के अनुसार, 15वीं लोकसभा (2009-14) की अवधि के दौरान संसदीय कार्यवाही में बार-बार अवरोधों के परिणामस्वरूप लोकसभा अपने निर्धारित समय का 61% और राज्यसभा अपने निर्धारित समय का 66% ही कार्य कर पाई।
  • मानसून सत्र 2021 के दौरान राज्यसभा और लोकसभा की उत्पादकता क्रमशः 28% और 22% रही।
  • पांचवें दशक में लोकसभा की कार्यवाही ....
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