भारत में ऋण प्रबंधान

ऋण प्रबंधन (Debt Management) अत्यधिक जोखिम से बचते हुए मध्यम या लंबी अवधि में कम लागत पर सरकार की फंडिंग को सुरक्षित करने के लिए किए गए विभिन्न उपायों का एक संयोजन है।

  • ऋण प्रबंधन, तीन बुनियादी तत्वों कम लागत, जोखिम न्यूनीकरण और बाजार विकास पर आधारित है।
  • यह सरकार के ऋण को विनियमित करने के लिए एक विधि स्थापित करने और क्रियान्वित करने की प्रक्रिया है।
  • इस प्रक्रिया में सरकार द्वारा निर्धारित किसी अन्य संप्रभु ऋण प्रबंधन लक्ष्य को पूरा करना भी शामिल है।
  • इनमें से कुछ लक्ष्य सरकारी प्रतिभूतियों के लिए एक कुशल बाजार को बनाए रखना एवं विकसित करना है।
  • सार्वजनिक ....
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