घरेलू एवं विदेशी व्यापार

  • सिन्धु घाटी सभ्यताः यहां के लोगों ने व्यापार में भी गहरी रुचि ली। उनका आन्तरिक एवं बाह्य व्यापार दोनों ही समुन्नत दशा में था।
    • वस्तुतः बड़े पैमाने पर व्यापार के बिना सैंधव नगरों का विकास सम्भव ही नहीं था।
    • हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो व्यापार के भी प्रसिद्ध केन्द्र थे। दोनों नगर परस्पर व्यापारिक मार्गों द्वारा जुड़े हुए थे।
    • सिंधुवासियों के भारतीय प्रदेशों के अतिरिक्त विश्व में कई अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंध थे।
    • अफगानिस्तान के शोर्तुगई नामक स्थान से सैंधव सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
    • सिंधुवासी अफगानिस्तान, आर्मीनिया तथा ईरान से लाजवर्द, मणि तथा चांदी प्राप्त करते थे।
    • स्थलीय व्यापार में अफगानिस्तान ....
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