मृदा

धरातल पर प्राकृतिक तत्त्वों के समुच्चय जिसमें जीवित पदार्थ तथा पौधों को पोषित करने की क्षमता होती है, मृदा कहलाती है। मृदा एक परिवर्तनशील एवं विकासोन्मुख तत्त्व है जिसकी बहुत-सी विशेषताएँ मौसम के साथ बदलती रहती हैं।

  • मृदा निर्माण की प्रक्रिया सर्वप्रथम अपक्षय की प्रक्रिया से शुरू होती है। अपक्षय या अपरदन के कारकों का चट्टानों में विघटन होता है। चट्टान के अपक्षयित पदार्थों के रंध्रों में कुछ वायुमंडलीय गैसों, जैसे- नाइट्रोजन, ऑक्सीजन आदि का समावेश हो जाता है। वर्षा वाले क्षेत्रों में इन रंध्रों में जल प्रवेश कर जाता है जिससे इनमें कई निकृष्ट पौधे, जैसे- काई, लाइकेन उगने लगते ....
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