महाजनपद काल

छठी शताब्दी ईसापूर्व में लोहे के प्रयोग ने गंगा-घाटी में आर्थिक परिवर्तनों को जन्म दिया तथा कई महाजनपदों का उदय हुआ।

  • प्राचीन भारत के इतिहास में 6ठी शताब्दी ई.पू. को एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी काल माना जाता है।
  • इस काल को प्रायः आरंभिक राज्यों, नगरों, लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिक्कों के विकास के साथ जोड़ा जाता है।
  • इसी काल में सिन्धु सभ्यता के बाद भारत में नगरीकरण की दूसरी प्रक्रिया प्रारंभ हुई और इसीसमयबौद्ध तथा जैन सहित विभिन्न दार्शनिक विचारधाराओं का विकास हुआ।
  • बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय एवं जैन ग्रंथ भगवती सूत्र में 16 महाजनपदों का उल्लेख मिलता है, जिसमें मगध सर्वाधिक ....
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