पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी-पर्यावरणीय अवनयन व प्रदूषण

चर्चित टर्मिनोलॉजी व अवधारणाएं

पॉलिमर शीट

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने ‘सिंगल-यूज प्लास्टिक’ (Single-Use Plastics) के विकल्प के रूप में ‘ पॉलिमर शीट’का विकास किया है। अखाद्य तेलों और कृषि अपशिष्ट से निकाले गए सेल्यूलोज को मिलाकर, शोधकर्ताओं द्वारा एक जैव-अपघट्य ‘ पॉलिमर शीट’ तैयार की गयी है।

  • विकसित किया गया पॉलिमर शीट एकल-उपयोग प्लास्टिक का विकल्प बन सकती है, जो पर्यावरण में प्लास्टिक अपशिष्ट के जमा होने की समस्या को कम कर सकती है।
  • भारत सरकार ने वर्ष 2019 में एकल-उपयोग प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022 तक पूर्ण रूप से खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई ....
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