भ्रामक विज्ञापन केस : FMCGs कंपनियों तक जांच के दायरे का विस्तार

23 अप्रैल, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापनों पर समाचार पत्रों में प्रकाशित अपनी माफी को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि वह इस मुद्दे पर अन्य कंपनियों पर भी विचार कर रहा है।

  • न्यायमूर्ति हिमा कोहली तथा न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने केंद्र से पूछा कि उसने "शिशुओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए खाद्य पदार्थ" जैसी वस्तुओं पर "भ्रामक विज्ञापन देने" के लिए 'फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स' (FMCGs) कंपनियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है।
  • उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में 'पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड' को अपने उत्पादों की ....
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