आईटी एक्ट की धारा 66A

  • 7 जनवरी, 2019 को उच्चतम न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की निरस्त धारा 66। के तहत की गई गिरफ्रतारी रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाये जाने पर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है।
  • उल्लेखनीय है कि इस विषय में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) नामक संगठन ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर यह शिकायत की थी कि यद्यपि सेक्शन 66। को सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2015 में ही निरस्त कर दिया था, फिर भी इस सेक्शन के

पृष्ठभूमि

  • धारा 66। को ‘निर्दयी (draconian) कानून’ करार दिया गया था, क्योंकि इसके तहत कई निर्दाेष व्यक्तियों की ....
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