बिना मुहर लगे समझौतों में मध्यस्थता धाराएं प्रवर्तनीय

  • 13 दिसंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया कि बिना मुहर लगे या अपर्याप्त मुहर लगे समझौतों में मध्यस्थता उपबंध (arbitration clauses) अमान्य, अप्रवर्तनीय या अस्तित्वहीन नहीं हैं।
  • अदालत के अनुसार मुद्रांकन की अपर्याप्तता (Insufficiency of stamping) समझौते को शून्य या अप्रवर्तनीय नहीं बनाती है बल्कि इसे साक्ष्य में अस्वीकार्य बनाती है। मध्यस्थता अधिनियम, स्टाम्प अधिनियम से स्वतंत्र है।
  • अदालत ने ‘पृथक्करण अनुमान’ के सिद्धांत को लागू किया, जिसके द्वारा एक मध्यस्थता समझौते का अनुबंध से अलग अस्तित्व माना जाता है। इसका मतलब यह है कि मध्यस्थता समझौते की वैधता अंतर्निहित अनुबंध की ....
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