एस्ट्रोसैट द्वारा ब्लैकहोल निर्माण का पता

  • 20 मई, 2022 को भारत की पहली समर्पित मल्टी-वेवलेंथ अंतरिक्ष वेधशाला ‘एस्ट्रोसैट’ (Astrosat) ने 500वीं बार ब्लैक होल के निर्माण का पता लगाया है। खगोलविदों ने ब्लैक होल के निर्माण को बेहतर ढंग से समझने के लिए ‘गामा रे बस्र्ट्स’ (Gamma Ray Bursts) का अध्ययन किया, जिन्हें ‘मिनी बिग बैंग्स’ भी कहा जाता है।
  • एस्ट्रोसैट विश्व की सबसे संवेदनशील दूरबीनों में शामिल है। इसमें पांच उपकरण लगे हैं जो एक साथ ब्रह्मांड का पराबैंगनी, ऑप्टिकल और एक्स-रे विकिरण में अध्ययन कर सकते हैं। इन उपकरणों में एक ‘कैडमियम जिंक टेलुराइड इमेजर’ (Cadmium Zinc Telluride Imager) है, जिसने ब्लैकहोल के निर्माण ....
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