फ़ार्मास्युटिकल प्रदूषण

  • दिसंबर 2022 में विज्ञान के प्रसिद्ध जर्नल ‘द लैंसेट’ द्वारा जारी किए गए एक शोध पत्र के अनुसार, लगातार नजरंदाज किये जाने वाले फार्मास्युटिकल प्रदूषण (Pharmaceutical Pollution) को नियंत्रित करने के लिए औषधि, स्वास्थ्य सेवा और पर्यावरण क्षेत्रों में एक समन्वित कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
  • अध्ययन के अनुसार, विश्व की लगभग 43% नदियाँ सक्रिय फार्मास्युटिकल प्रदूषण (Active Pharmaceutical Pollution) से प्रभावित हैं, इसके व्यापक एवं विनाशकारी स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं।
  • ध्यान रहे कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल्स उत्पादक है। देश में लगभग 3,000 औषधि कंपनियां तथा लगभग 10,500 विनिर्माण इकाइयां कार्यरत ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

नियमित स्तंभ