मलेरिया हेतु नए जैव सूचक (बायोमार्कर) की पहचान

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के जबलपुर स्थित राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के शोधकर्त्ताओं ने मलेरिया परजीवी के शरीर में एक आनुवांशिक अनुक्रम की पहचान की है, जिसका उपयोग बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील नैदानिक/चिकित्सकीय परीक्षण विकसित करने किया जा सकेगा।

  • वर्तमान में मलेरिया के निदान के लिये एक जीन, हिस्टिडीन-समृद्ध प्रोटीन 2 (Histidine&rich Protein 2 - HRP2) पर आधारित परीक्षण का उपयोग किया जाता है।
  • जैव-सूचक/बायोमार्कर एक प्रमुख आणविक या कोशिकीय घटनाएँ हैं, जो पर्यावरणीय रसायनों के संपर्क में आने, पुरानी मानव बीमारियों के विकास और रोग के लिये बढ़ते खतरे के बीच उपसमूहों की पहचान करने में जैव-सूचक ....
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