स्वतंत्रता का अधिकार

प्रत्येक राज्य का प्रथम लक्ष्य अपने नागरिकों का अधिकतम विकास करना होता है जो तभी पूरा हो पाता है जब सभी नागरिकों को वह कुछ सुविधाएं उपलब्ध करा सके। किसी राज्य में नागरिकता का मूल स्वरूप उस राज्य और समाज के साथ व्यक्ति के सामाजिक और राजनीतिक संबंधों के स्वरूप द्वारा निर्धारित होता है। व्यक्ति को अपने सामाजिक और राजनीतिक अधिकारों, कर्त्तव्यों और दायित्वों का बोध होता है और यही बोध उसे उस राज्य की नागरिकता का अहसास कराता है। भारतीय संविधान में नागरिक अधिकारों के महत्वपूर्ण एवं प्रत्यक्ष संदर्भ शामिल हैं, फिर चाहे वह राजनीतिक ....

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