नागरिकता संशोधान बिल और छठी अनुसूची

छठीं अनुसूची में आने वाले पूर्वाेत्तर भारत के राज्यों को नागरिकता संशोधन विधेयक के दायरे से बाहर रखा गया है। अर्थात अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई यानी गैर-मुसलमान शरणार्थी भारत की नागरिकता हासिल करके भी असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में किसी तरह की जमीन या कारोबारी अधिकार हासिल नहीं कर पाएंगे।

छठीं अनूसूची

  • छठीं अनुसूची में पूर्वाेत्तर भारत के असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्य हैं, जहां संविधान के मुताबिक स्वायत्त जिला परिषदें हैं, जो स्थानीय आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
  • भारतीय संविधान के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

विशेष