बैंकिंग प्रणाली में पिछले 4 वर्षों में तरलता में सर्वाधिक कमी

हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए अनुमानों के अनुसार बैंकिंग प्रणाली में ‘तरलता की कमी’ (Liquidity deficit) बढ़कर 1.46 ट्रिलियन रुपए तक पहुंच गई है। यह वर्ष 2019 के बाद से उच्चतम स्तर पर है।

  • बैंकिंग प्रणाली में तरलता की कमी का सामान्य अर्थ है कि बैंकों के पास ग्राहकों की ऋण मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।
  • बैंकिंग प्रणाली में तरलता (Liquidity) सामान्य रूप से बैंकों की नगदी एवं अन्य परिसंपत्तियों की एक माप होती है। इस तरलता के कारण बैंकों के पास पर्याप्त मात्र में नगदी रहती है, जिससे ....
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