भारतीय बुनाई के संबंध में क्षेत्रीय विविधता

आधुनिक भारत में बुनाई की यात्रा का आरंभ देश के सुदूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित केरल राज्य से माना जाता है।

  • 19वीं सदी के अंत में रासायनिक रंगों के आगमन से पूर्व तक भारत के सभी भागों में 'श्वेत रंग' बुनाई का प्रमुख आधार था।
  • कई प्रकार के रेशम जिन्हें कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश सहित भारत के अन्य हिस्सों में हाथ से नहीं बुना जाता है; उन्हें कर्नाटक में बेचा जाता है तथा इनको 'डुपियन रेशम' के नाम से जाना जाता है।
  • पोचमपल्ली इकत अथवा साड़ी की उत्पत्ति तेलंगाना राज्य के नलगोंडा जिले से मानी जाती ....
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