सामुदायिक भागीदारी से जल संरक्षण

किसी भी देश के नागरिकों के लिए स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने में भूजल महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। ताजे पानी के उपयोग की बढ़ती मांग, वर्षा-आधारित सिंचाई पर निर्भरता, वर्षा के बदलते स्वरूप, जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण जैसे विविध कारणों से भूजल का बड़े पैमाने पर दोहन हुआ है।

  • देश के पेयजल की 80 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी जरूरतें भूजल के दोहन से पूरी होती हैं। भूजल के आंकड़े बताते हैं कि कुल 244.92 अरब घनमीटर निष्कासित भूजल में से 88.85 प्रतिशत हिस्सा केवल सिंचाई के लिए प्रयोग किया गया।

जल संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी

  • भारत ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

नियमित स्तंभ