​स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय भाषाओं का योगदान

  • साहित्य लंबे समय से संचार और अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम रहा है, और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बना।
  • बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, भारतेन्दु हरिशचंद्र, और रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महान साहित्यकारों ने अपने राष्ट्रवादी साहित्य के माध्यम से लोगों के दुःख को प्रतिबिंबित किया और स्वतंत्रता की सामूहिक लालसा को प्रेरित किया।
  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का साम्राज्यवादी विस्तार प्लासी (1757) और बक्सर (1764) जैसे निर्णायक युद्धों के साथ शुरू हुआ, जिसने औपनिवेशिक शासन की स्थापना की।
  • 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने मुक्ति की इच्छा को ....
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