भारत में अंग-प्रत्यारोपण : कानूनी आयाम, नैतिक मुद्दे तथा चुनौतियां

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया। नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार अब 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग प्रत्यारोपण के लिये मृत दाताओं से अंग प्राप्त कर सकते हैं।

  • अंगदान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति (जीवित, मृत अथवा दोनों) से स्वस्थ अंगों और ऊतकों को लेकर किसी अन्य ज़रूरतमंद व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। प्रत्यारोपित होने वाले अंगों में गुर्दे (किडनी), यकृत (लीवर), हृदय, फेफड़े, आंत और अग्न्याशय शामिल होते हैं। जबकि ऊतकों के रूप में कॉर्निया, त्वचा, हृदय वाल्व कार्टिलेज, हड्डियों और वेसेल्स ....
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