भूमि अधिाग्रहण से संबंधिात महत्वपूर्ण निर्णय

सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने 6 मार्च, 2020 को दिए अपने एक निर्णय में कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के तहत यदि मुआवजे को सरकारी राजकोष में जमा कर दिया गया है तो इसे मुआवजे का भुगतान माना जाएगा तथा ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा किया गया भूमि अधिग्रहण समाप्त नहीं माना जाएगा।

  • न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ में उनके अतिरित्तफ़ न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति एमआर शाह तथा न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट शामिल थे।

मुख्य बिंदु

  • फैसले में कहा गया है कि अगर सरकार द्वारा खजाने में मुआवजा राशि को जमा ....
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