न्यायपालिका की विश्वसनीयता का संकट

19 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में एक पूर्व कोर्ट अस्टिेंट ने आरोप लगाया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने उसका यौन उत्पीड़न किया था।

  • सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने के लिए एक इन-हाउस पैनल का गठन किया, जिसमें जस्टिस एस-ए- बोबडे, जस्टिस एन.वी. रमना (बाद में इंदु मल्होत्रा की जगह) और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल थे।
  • पैनल ने आरोपों में ‘कोई सारतत्व नहीं पाया’ और मुख्य न्यायाधीश को क्लीन चिट दे दी।

निर्णय के खिलाफ संदेह

जांच की जल्दबाजी की प्रकृति ने परेशान करने वाला परिदृश्य और न्यायिक विश्वसनीयता पर संदेह उत्पन्न किया। ....
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