चंद्रयान-2 मिशनः वैज्ञानिक उद्देश्य एवं महत्व

इसरो ने जीएसएलवी मार्क III-एम1 (GSLV MkIII-M1) यान के जरिये 22 जुलाई, 2019 को 3,840 किलोग्राम वजनी ‘चंद्रयान-2 मिशन’ का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से किया गया।

  • यह उड़ान द्वादशी ‘जीएसएलवी एमके III यान की पहली परिचालन उड़ान (first operational flight) थी। चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम 7 सितंबर, 2019 को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्रट लैंडिंग करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि तकनीकी ऽराबी के चलते 15 जुलाई, 2019 को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टल गया था, परन्तु इसरो ने 24 घंटे के भीतर इसे ठीक कर लिया।
  • चंद्रयान-2 ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

करेंट अफेयर्स के चर्चित मुद्दे